उदयपुर में अमेरिकी अरबपति बिजनेसमैन रामा राजू मंटेना की बेटी नेत्रा मंटेना (एलिजाबेथ) और वामसी गडिराजू की रॉयल वेडिंग हो रही है। शाही शादी में जयपुर से भी एक खास मेहमान गया है। वह है आमेर के हाथी गांव का एकमात्र नर हाथी ‘बाबू’।
दूल्हा वामसी गडिराजू ‘बाबू’ पर बैठकर ही तोरण की रस्म निभाएंगे। रॉयल वेडिंग के लिए ‘बाबू’ शुक्रवार सुबह 5 बजे उदयपुर पहुंच गया है। तोरण की रस्म के लिए 3 महीने पहले ही ‘बाबू’ का सिलेक्शन कर लिया गया था।
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ शुक्रवार रात को उदयपुर पहुंच गए थे। उदयपुर की पिछोला झील के बीच बने जगमंदिर आइलैंड पैलेस में 23 नवंबर को रॉयल वेडिंग होगी।
डेढ़ फीट लम्बे दांतों की वजह से चुना गया रॉयल वेडिंग के लिए चुनी गई वेडिंग प्लानर कंपनी ने सितंबर में हाथी गांव का विजिट किया था। कंपनी ने यहां चंदा, पुष्पा, पिंकी, जयमाला, लक्ष्मी समेत कई हथिनी देखी। पुष्पा और चन्दा अप्रैल में निजी दौरे पर भारत आए अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेन्स और उनके परिवार को भी माला पहना चुकी हैं।
इस बीच कंपनी के प्रतिनिधियों की नजर डेढ़ फीट के दांत वाले हाथी ‘बाबू’ पर पड़ी। पहले शादी में हाथी के अलग से आर्टिफिशियल दांत लगाकर सजाने की योजना थी। ऐसे में दांतों की वजह से ‘बाबू’ को तुरंत सिलेक्ट कर लिया गया। उसी वक्त उसकी बुकिंग कर दी गई।
उस समय कंपनी के प्रतिनिधियों ने हाथी के मालिक बल्लू खान को यह नहीं बताया था कि उन्होंने हाथी किसलिए बुक किया है। करीब सप्ताह भर पहले कंपनी ने बल्लू खान को फोन पर बताया कि यह हाथी अमेरिकी अरबपति के बेटे-बेटी की रॉयल वेडिंग में उदयपुर आएगा।
हाथी की सजावट का डिजाइन भी भेजा
‘बाबू’ को शादी में शामिल होने के लिए किस तरह सजाना है, उसका डिजाइन कंपनी ने ही बल्लू खान को भेजा। ‘बाबू’ के शरीर पर राजस्थान की पारम्परिक चित्रकारी की गई। इसके अलावा उदयपुर में फूलों की सजावट, चांदी का शाही हौदा, माथे पर सजाए जाने वाला मुकुट (सीरी), फूलों की झूल (लटकन) समेत अन्य गहने और कपडे़ पहनाए जाएंगे।
20 नवंबर की रात करीब 11 बजे ‘बाबू’ को ट्रक से रवाना किया गया। 21 नवंबर की सुबह 5 बजे वह उदयपुर पहुंचा।
इस दौरान ‘बाबू’ के खाने-पीने का पूरा ध्यान रखा गया था। ट्रक में उसके लिए 8 क्विंटल गन्ना, 2.5 क्विंटल ज्वार, गुड़, खीरा, फल रखे गए थे। सर्दी से बचाने के लिए उसे रूई के गद्दों में लपेटकर उदयपुर ले जाया गया।
12 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म से ‘बाबू’ की पीठ पर सवार होगा दूल्हा
वामसी गाडिराजू ‘बाबू’ के ऊपर बैठकर ही तोरण की रस्म पूरी करेंगे। इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं। 12 फीट ऊंचा प्लेटफाॅर्म तैयार किया गया है, जिस पर चढ़कर वामसी गाडिराजू ‘बाबू’ की पीठ पर बंधे चांदी के हौदे में सवार होंगे और तोरण मारने की रस्म पूरी करेंगे। इससे पहले बारात में भी ‘बाबू’ आगे चलेगा। दूल्हा-दुल्हन को माला पहनकर आशीर्वाद देगा।


