अजमेर ज़िले के पवित्र तीर्थ पुष्कर में आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भक्तिभाव और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पंचतीर्थ स्नान का अंतिम और सबसे पावन दिन होता है, और इसी मान्यता के साथ देशभर से लाखों श्रद्धालु ब्रह्म सरोवर पहुंचे।
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जैसे ही सूरज की पहली किरणें सरोवर पर पड़ीं, श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लेते हुए भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव की आराधना की। सरोवर के 52 घाटों पर सुबह से देर शाम तक स्नान करने वाले भक्तों की निरंतर भीड़ लगी रही। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर पुष्कर में स्नान करने से सभी पापों का क्षय होता है और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था ने आज पुष्कर को भक्ति और श्रद्धा से पूर्ण बना दिया।
अजमेर प्रशासन के अनुसार, इस वर्ष दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पुष्कर पहुंचने की संभावना थी, जिसे ध्यान में रखते हुए घाटों पर कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए। पुलिस, होमगार्ड और स्वयंसेवकों की तैनाती के साथ-साथ ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए भीड़ की निगरानी की गई। भक्तों की सुविधा हेतु स्वच्छता और पेयजल की विशेष व्यवस्थाएँ भी की गईं।
कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही विश्व प्रसिद्ध पुष्कर कार्तिक मेला भी अपने समापन पर पहुँच गया। मेले के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की आवाज़ों में “हर हर गंगे”, “जय ब्रह्मा देव” और “बाबा पुष्कर राज की जय” के जयघोष गूंजते रहे, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
पवित्र स्नान और पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालु संतोष की अनुभूति के साथ अपने घरों को लौटे। पुष्कर आज फिर एक बार आस्था, भक्ति और सांस्कृतिक विरासत के भव्य प्रतीक के रूप में अपनी पहचान को और सशक्त कर गया।


