पीएम मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-I को दुनिया के सामने रखा। इस रॉकेट की ऊंचाई 7 मंजिल बिल्डिंग के बराबर है। रॉकेट को प्राइवेट स्पेस कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने बनाया है। इस रॉकेट को 2026 में लॉन्च किया जाएगा। यह अपने साथ 300 किग्रा सैटेलाइट ले जाने में सक्षम है।

पीएम ने रॉकेट के अलावा कंपनी के नए इनफिनिटी कैंपस का भी इनॉगरेशन किया। इस कैंपस में कई लॉन्च व्हीकल के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का काम किया जाएगा। कैंपस तेलंगाना के हैदराबाद में बना है। कंपनी का हेड ऑफिस भी यहीं है।

स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी की स्थापना पवन चंदना और भरत ढाका ने 2018 में की थी। यह दोनों IIT पासआउट हैं और ISRO के पूर्व साइंटिस्ट रह चुके हैं। इनका कंपटीशन अमेरिकी बिजनेसमैन इलॉन मस्क से है। दरअसल मस्क भी स्पेस सेक्टर में काम कर रहे हैं। उनकी स्पेस एक्स कंपनी कई प्राइवेट रॉकेट लॉन्च कर चुकी है।
स्काईरूट कंपनी ने इससे पहले 2022 में विक्रम-S रॉकेट लॉन्च किया था, जो सब ऑर्बिट रॉकेट था यानी कि यह 100 किमी ऊपर गया था लेकिन पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश नहीं कर पाया था। विक्रम-I एक ऑर्बिटल रॉकेट है जो पृथ्वी की कक्षा के अंदर जाएगा।

पीएम की स्पीच, 5 बड़ी बातें…
- आज भारत स्पेस इकोसिस्टम के प्राइवेट सेक्टर में बड़ी उड़ान भर रहा है। स्काईरूट का इनफिनिटि कैंपस भारत की नई सोच, इनोवेशन का प्रतिबिंब है। हमारी युवा शक्ति की इनोवेशन, रिस्क टेकिंग एबिलिटी आज नई बुलंदी छू रही है। आज यह कार्यक्रम इस बात का प्रतिबिंब है कि आने वाले समय में भारत रॉकेट ग्लोबल सेक्टर में लीडर बनकर उभरेगा।
- पीएम ने स्काईरूट के फाउंडर के बारे में कहा कि आप दोनों ने खुद पर भरोसा किया, आप रिस्क उठाने में पीछे नहीं रहे। इसका परिणाम आज पूरा देश देख रहा है। देश आप पर गर्व कर रहा है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा बहुत सीमित संसाधनों से शुरु हुई। आज नए आयाम पर पहुंच गई।
- इसरों ने दशकों तक भारत की स्पेस यात्रा को उड़ान दी है। बदलते हुए समय में स्पेस सेक्टर का विस्तार हो रहा है। इसलिए ही हमने भारत के स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक रिफॉर्म किए। सरकार ने स्पेस सेक्टर को प्राइवेट इनोवेशन के लिए ओपन किया। नई स्पेस पॉलिसी तैयार की। हमने स्टार्टअप को इनोवेशन के साथ जोड़ने का प्रयास किया।
- आज के कार्यक्रम में इसी की झलक दिख रही है। भारत का युवा देश हित को सर्वोपरि रखकर चलता है। वह हर अवसर का सही इस्तेमाल करता है। सरकार ने स्पेस सेक्टर को ओपन किया तो हमारे जेन जी यूथ फायदा उठाने के लिए आगे आ रहे हैं। भारत में 300 से अधिक स्पेस स्टार्टअप चल रहे हैं। इसमें खास यह है कि हमारे अधिकतर स्टार्टअप की शुरुआत बहुत छोटे से हुई है। मैं इन सभी से लगातार मिला हूं। कभी दो लोग, कभी पांच साथी कभी एक किराए का कमरा, टीम छोटी लेकिन इरादे बुलंदी छूने के हैं।
- आज ये जेन जी इंजीनियर्स, डिजाइनर्स, कोडर, सांइटिस्ट नई टेक्नोलॉजी बना रहे हैं। भारत का युवा आज उन क्षेत्रों में काम कर रहा है जिनकी कुछ साल पहले कल्पना नहीं की जा सकती। भारत का प्राइवेट स्पेस सेक्टर दुनिया में अलग पहचान बना रहा है। भारत का स्पेस सेक्टर अटैक्टिव डेस्टिनेशन बन रहा है। नई नई कंपनियां सैटेलाइट सर्विस दे रही है। स्पेस स्ट्रैटजिक एसेट के रूप में जगह बना चुका है


