हॉन्गकॉन्ग में ‘ताई पो’ नाम के जिलो में बुधवार दोपहर लगभग 2:51बजे(स्थानीय समयानुसार) को एक बड़े रिहायशी कॉम्प्लेक्स में आग लग गई। यह 63 साल में लगी सबसे भीषण आग बताई जा रही है।
इस हादसे में अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 279 घायल हैं। ये कॉम्प्लेक्स कुल आठ इमारतों का था, जिनमें हर इमारत 35 मंजिलों की थी। इसमें करीब दो हजार अपार्टमेंट थे। वांग फुक कोर्ट के ये टावर बांस की मचान से ढंके हुए थे।
आग की शुरुआत इमारतों के बाहर लगी इन्हीं मचानों से हुई, जिस पर मरम्मत का काम चल रहा था। तेज हवा और जलते हुए मलबे की वजह से लपटें एक इमारत से दूसरी इमारत तक फैलती चली गईं। 20 घंटे बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।

मामले में पुलिस ने ठेकेदार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिन पर आग के मामले में लापरवाही या गैर-इरादतन हत्या का शक जताया गया है। पुलिस ने इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है।
एक इमारत से दूसरी इमारत तक फैली आग
तेज हवा और जलते हुए मलबे की वजह से लपटें एक इमारत से दूसरी इमारत तक फैलती चली गईं। जब आग भड़की, तो कई लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी क्योंकि मरम्मत की वजह से खिड़कियां बंद थीं।

आग बुझाने पहुंची टीम को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई मंजिलों पर तापमान इतना ज्यादा था कि फायर फाइटर्स उन जगहों तक पहुंच भी नहीं पा रहे थे। इसी दौरान एक फायर फाइटर की मौत भी हो गई।

आग में कई बुजुर्ग घायल, जापान-जर्मनी ने शोक जताया
पुलिस अभी यह पता लगाने में जुटी है कि कितने लोग लापता हैं और कितने को सुरक्षित निकाला जा चुका है। आग के समय ज्यादातर बुजुर्ग घरों में आराम कर रहे थे, जिसके कारण वो समय पर बाहर नहीं निकल पाए। इसमें ज्यादातर बुजुर्ग घायल हुए हैं।

हादसे पर जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका सहित कई देशों ने संवेदनाएं जताईं हैं। वहीं मैकडॉनाल्ड्स ने फ्री में 1000 फूड पैकेट देने का ऐलान किया है।


