चक्रवात मोन्था आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के बाद बुधवार सुबह ओडिशा के गंजम में गोपालपुर बीच पर पहुंच गया है। गंजम के समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और हवा की रफ्तार 80-100kmph पहुंच गई है। IMD के मुताबिक लैंडफॉल के बावजूद अगले 6 घंटों तक तूफान का असर रहेगा।
ओडिशा के 8 जिले गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर में मोन्था के चलते भारी बारिश और आंधी चल सकती है।
राज्य सरकार ने 11 हजार लोगों को निकाला है। 30 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की तैयारी है। ODRF की 30 टीम और NDRF की 5 टीमों को तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि तूफान मोन्था के कारण राज्य में दो लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि एहतियाती उपायों से नुकसान कम हुआ है।
5.30 घंटे चला लैंडफॉल प्रोसेस
मंगलवार रात में चक्रवात आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराया था। मंगलवार शाम 7.30 बजे से देर रात लगभग 1 बजे तक लगभग 5.30 घंटे लैंडफॉल चला। इस दौरान 90-100kmph की रफ्तार से हवा चली थी, जो कि 110kmph पहुंच गई।
मछलीपट्टनम में कई जगह पेड़ गिरे, समुद्र किनारे के मकान ढह गए। कई इलाकों में बिजली के तार टूट गए और पोल गिर गए। शहर की बिजली व्यवस्था ठप हो गई। कोनासीमा में घर पर पेड़ गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत हुई। एक दूसरी घटना में 2 अन्य लोग घायल हो गए।
ओडिशा के गंजाम में चक्रवात ‘मोन्था’ के असर से समुद्र उफान पर है। तेज लहरों ने समुद्र तट की जमीन को काट दिया और किनारे स्थित कई मकानों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, समुद्र की लहरें लगातार तेज हो रही हैं और पानी घरों तक पहुंच रहा है। प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘मोन्था’ की निगरानी लगातार की जा रही है। इसके लिए डॉपलर वेदर रडार (DWR) मछलीपट्टनम और विशाखापट्टनम में लगाए गए हैं। इसके अलावा तटीय वेधशालाओं, ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (AWS), जहाजों और उपग्रहों (सैटेलाइट्स) से भी लगातार निगरानी रखी जा रही है।


