गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के सान्निध्य में शुक्रवार को जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में आयोजित विशेष कार्यक्रम “उत्साह – जीवन उत्साह है” में युवाओं का अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। इस आयोजन में बड़ी संख्या में युवा प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस दौरान संपूर्ण परिसर सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा से सराबोर हो गया। कार्यक्रम की शुरुआत ऊर्जावान संगीत प्रस्तुति से हुई। संगीतकार रवीन्द्र उपाध्याय एवं रैपरिया बलम के मनभावन गीतों ने जिसने वातावरण को आनंद और उमंग से भर दिया।

श्री श्री रविशंकर ने स्टेडियम में आये सभी युवा प्रतिभागियों को कहा कि जीवन ही उत्सव है, प्रतिदिन उत्सव है। जीवन में उत्साह को बनाये रखने के लिए नशे से दूर रहें। उन्होंने युवाओं के संदेश देते हुए कहा कि युवा दृढ़ संकल्पित होकर नशे को ना कहे, ज्ञान का नशा सबसे सर्वोपरि है।
उन्होंने युवाओं और बच्चों में बढ़ते मानसिक तनाव और आत्महत्या जैसे गंभीर मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने सहपाठी के उदास दिखने पर उनसे बात करें और उनके अन्तरमन को जाने और आपसी सहयोग करने का प्रयास करें। अपने ज्ञान सत्र में श्री श्री रविशंकर ने जीवन में उत्साह, सकारात्मक सोच, मानसिक स्वास्थ्य और आंतरिक शांति के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे जीवन के हर क्षेत्र में ज्ञान को सकारात्मक रूप से ग्रहण कर अपने जीवन का उत्थान करें।

उप मुख्यमंत्री प्रेमचन्द बैरवा ने कार्यक्रम में शिरकत कर प्रदेश के युवाओं को आर्ट आॅफ लिविंग के गुर सीखकर अपने व्यक्तित्व को निखारने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज का युवा ही विकसित भारत— 2047 का नेतृत्व करेगा। ऐसे में श्री श्री रविशंकर महाराज के प्रवचन युवाओं के सर्वांगिण विकास के लिए अहम भूमिका निभाएंगे।
प्रदेश के युवा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि इस भव्य आयोजन से प्रदेश के युवाओं को आध्यात्मिक, मानसिक स्वास्थ्य और सकारात्मक जीवनशैली के पहलुओं को जानने का अवसर मिला है। युवा यहां से गुरुदेव का संदेश लेकर जाएंगे, जो उनके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। वे नशामुक्ति के लिए कार्य करेंगे और विकसित राजस्थान तथा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में योगदान देंगे।
इस भव्य कार्यक्रम के दौरान पूरे स्टेडियम में शांति, सुकून और मानसिक एकाग्रता का अद्भुत वातावरण बना रहा। “उत्साह” ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि आर्ट ऑफ लिविंग युवाओं को नशामुक्त, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत, सांस्कृतिक रूप से जड़ित और उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व के लिए तैयार करने के गुरुदेव की परिकल्पना को जीवन्त कर रहा है।


