पुष्कर मेले में देशभर से आए प्रतिभागियों ने मूंछ प्रतियोगिता में प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया। विदेशों से आए सैलानियों ने भी साफा बांधने की प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2025 इन दिनों अपने पूरे रंग में नजर आ रहा है। सोमवार को मेले का माहौल राजस्थानी परंपरा, संस्कृति और लोक गौरव से सराबोर रहा। एक ओर जहां मूंछ प्रतियोगिता में देशभर से आए प्रतिभागियों ने राजस्थान की शान का प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर विदेशी सैलानियों ने साफा प्रतियोगिता में भाग लेकर परंपरा के प्रति अपनी दीवानगी दिखाई।
मेला मैदान में आयोजित मूंछ प्रतियोगिता में देशभर से आए 33 प्रतिभागियों ने अपनी अनोखी मूंछों का प्रदर्शन किया। किसी ने तलवार जैसी मूंछें तानीं तो किसी ने कलात्मक अंदाज में अपनी मूंछें संवारीं। मंच पर आते ही दर्शकों की तालियों से माहौल गूंज उठा। प्रतिभागियों ने राजस्थानी साफा और पारंपरिक पोशाक पहन रखी थी, जिससे कार्यक्रम लोक संस्कृति के रंग में रंग गया।
निर्णायक मंडल ने बताया कि विजेताओं का चयन मूंछों की लंबाई, घनत्व, देखभाल, कलात्मकता और प्रस्तुतिकरण के आधार पर किया जाएगा। प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों ने बताया कि मूंछों को संवारना आसान नहीं है, कई वर्षों की मेहनत और समर्पण से यह शान बरकरार रहती है।
15 सेकंड में बांधा साफा
इसी दिन मेला ग्राउंड में साफा और तिलक प्रतियोगिता ने विदेशी सैलानियों का दिल जीत लिया। अर्जेंटीना से आए कपल पाब्लो और कोस्टा ने केवल 15 सेकंड में पारंपरिक राजस्थानी साफा बांधकर पहला स्थान हासिल किया।
प्रतियोगिता में अमेरिका, जर्मनी, अर्जेंटीना, इटली, स्पेन और फ्रांस से आए दस से अधिक विदेशी कपल्स ने पारंपरिक पोशाकों में मंच पर अपनी कला दिखाई। दर्शकों ने तालियों और जयकारों से उनका उत्साह बढ़ाया।


