प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कर्नाटक के दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी उडुपी में श्री कृष्ण मठ पहुंचे हैं, जहां वे ‘लक्ष कंठ गीता पारायण’ कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इस कार्यक्रम में करीब एक लाख लोगों ने- जिसमें छात्र, साधु-संत, विद्वान और आम नागरिक शामिल हैं- एक साथ श्रीमद्भगवद गीता का पाठ किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एकदिवसीय कर्नाटक दौरे पर पहुंच गए हैं। जहां उडुपी में जगद्गुरु श्री श्री सुगुनेंद्र तीर्थ स्वामीजी ने विश्व गीता पर्याय- लक्ष्य कंठ गीता परायण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया।
उडुपी जनसंघ और भाजपा के सुशासन मॉडल की कर्मभूमि
इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘उडुपी आना मेरे लिए खास इसलिए भी है क्योंकि उडुपी जनसंघ और भाजपा के सुशासन मॉडल की कर्मभूमि रही है। 1968 में, उडुपी के लोगों ने हमारे जनसंघ के वी.एस. आचार्य को यहां के नगरपालिका परिषद में जिताया था… आज हम देश भर में जो स्वच्छता अभियान देख रहे हैं, उसे उडुपी ने पांच दशक पहले अपनाया था…’
ऊर्जा अध्यात्म की शक्ति भी है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘हमारे समाज में मंत्रों, गीता के श्लोकों का पाठ शताब्दियों से हो रहा है पर जब एक लाख कंठ एक स्वर में इन श्लोकों का ऐसा उच्चारण करते हैं… तो ऐसी ऊर्जा निकलती है जो हमारे मन, मस्तिष्क को एक नया स्पंदन, नई शक्ति देती है… यही ऊर्जा अध्यात्म की शक्ति भी है, यही ऊर्जा सामाजिक एकता की शक्ति है इसलिए आज लक्ष कंठ गीता का ये अवसर एक विशाल ऊर्जा पिंड को अनुभव करने का अवसर बन गया है।’
‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति भगवान श्रीकृष्ण के श्लोकों से प्रेरित- पीएम
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, ‘यहां आने से तीन दिन पहले मैं अयोध्या में था। 25 नवंबर को विवाह पंचमी के पावन दिन अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में धर्म ध्वजा की स्थापना हुई है… राम मंदिर आंदोलन में उडुपी की भूमिका कितनी बड़ी है सारा देश इसे जानता है।’ उन्होंने कहा, ‘आज हमारी ‘सबका साथ, सबका विकास’, ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ की नीतियां भगवान श्री कृष्ण के इन श्लोकों से प्रेरित हैं। भगवान श्री कृष्ण हमें गरीबों की मदद करने का मंत्र देते हैं और इसी मंत्र की प्रेरणा आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं का आधार बनती है… भगवान श्री कृष्ण हमें महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण का ज्ञान सिखाते हैं और इन्हीं की प्रेरणा से देश नारी शक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक फैसला लेता है।’
‘देश ने ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई में हमारा संकल्प देखा’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘श्री कृष्ण ने युद्ध की भूमि पर गीता का संदेश दिया था और भगवत गीता हमें सिखाती है कि शांति और सत्य की स्थापना के लिए अत्याचारियों का अंत भी जरूरी है… हम लाल किले की प्राचीर से श्री कृष्ण की करुणा का संदेश देते हैं और उसी प्राचीर से हम मिशन सुदर्शन चक्र का भी उद्घोष करते हैं… देश ने ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई में हमारा संकल्प देखा है… हम शांति स्थापित करना भी जानते हैं और शांति की रक्षा करना भी जानते हैं।’
‘सुवर्ण तीर्थ मंतप’ का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
अपने इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ‘सुवर्ण तीर्थ मंतप’ का उद्घाटन करेंगे, जो भगवान कृष्ण के गर्भगृह के सामने बनाया गया है। इसके अलावा वे ‘कनक कवच’ भी समर्पित करेंगे। यह कनाकाना किंदी पर स्वर्ण आवरण है, जहां से भक्त और संत कनकदास ने पहली बार भगवान कृष्ण के दर्शन किए थे। श्री कृष्ण मठ की स्थापना करीब 800 साल पहले श्री मध्वाचार्य ने की थी, जो द्वैत वेदांत दर्शन के संस्थापक थे।


