जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने शहर की भविष्य की यातायात आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 2055 तक का कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (CMP) का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जेडीए मंथन सभागार में आयोजित बैठक में जयपुर विकास आयुक्त की मौजूदगी में राइट्स लिमिटेड (RITES) ने इस ड्राफ्ट प्रजेंटेशन को पेश किया।
बैठक में बताया गया कि जयपुर में इस समय करीब 35.9 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं, इसलिए सार्वजनिक परिवहन का दायरा बढ़ाना योजना की पहली प्राथमिकता है। CMP के अनुसार जयपुर मेट्रो के विस्तार को बड़े स्तर पर शामिल किया गया है। फेज-2 (प्रहलादपुरा से टोडी मोड़) के साथ भविष्य में फेज-3 और फेज-4 भी जोड़े जाएंगे। जिसके तहत साल 2055 तक कुल 129.55 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क जयपुर जिले में तैयार हो जाए।
वहीं बस कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए 245 किलोमीटर का नया बस रूट नेटवर्क प्रस्तावित किया गया है। इसके तहत शहर में बसों की संख्या बढ़ाकर 4050 करने और मेट्रो और प्रमुख मार्गों के लिए 214 किलोमीटर का फीडर नेटवर्क तैयार करने की योजना है।
ट्रैफिक जाम से राहत के लिए 25 प्रमुख स्थानों पर फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने का प्रस्ताव है। इनमें ओटीएस सर्किल से जवाहर सर्किल तक एलिवेटेड रोड, टोडी मोड़ और विजय द्वार जैसे महत्वपूर्ण लोकेशन शामिल हैं। वहीं रेलवे क्रॉसिंग पर 10 नए आरओबी और आरयूबी बनाने की भी योजना है।
जबकि भारी वाहनों को शहर की मुख्य सड़कों से हटाने के लिए उत्तरी रिंग रोड और नए फ्रेट टर्मिनल विकसित करने पर जोर रहेगा। वहीं नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट के लिए साइकिल ट्रैक, फुटपाथ और मेट्रो स्टेशनों पर ई-बाइक शेयरिंग सिस्टम शुरू करने का प्रस्ताव है।
भीड़भाड़ वाले इलाकों और परकोटे में नो पार्किंग जोन और ऑन-स्ट्रीट पेड पार्किंग लागू करने के साथ रेलवे स्टेशन सहित अन्य जगहों पर मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था भी सुझाई गई है।
योजना में ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर और केंद्रीकृत बनाने के लिए मौजूदा ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड को अपग्रेड कर यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बनाने की भी सिफारिश की गई है।
बैठक में अधिकारियों ने CMP ड्राफ्ट पर विस्तृत चर्चा की और सुझाव दिए। अब स्टेकहोल्डर्स से मिले इनपुट को शामिल कर दिसंबर के अंत तक फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सामने प्रजेंट किया जाएगा। इसके बाद जयपुर के नागरिकों को एक सुरक्षित, तेज और आधुनिक परिवहन प्रणाली की दिशा में बड़े बदलाव देखने को मिल सकेंगे।


