भारत का पहला गीगास्केल इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी हब आंध्र प्रदेश में बनेगा। इसके लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने सरला एविएशन के साथ एक MoU साइन किया है। राज्य में eVTOL (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक ऑफ एंड लैंडिंग) मैन्युफैक्चरिंग प्लांट सेटअप किया जाएगा।
ये स्काई फैक्ट्री नाम का प्रोजेक्ट अनंतपुर जिले में लगेगा। जहां इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी जैसे एयरक्राफ्ट बनेंगे। कंपनी ने पहले फेज में 330 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्लान बनाया है। वहीं कंपनी 2029 तक कॉमर्शियल ऑपरेशंस शुरू कर देगी। ये कदम भारत को ग्रीन मोबिलिटी में आगे ले जाएगा।
150 एकड़ कैंपस और 1000 एयरक्राफ्ट की कैपेसिटी
ये स्काई फैक्ट्री थिम्मासमदुरम में कल्याणदुर्ग मंडल के पास बनेगी, जो 150 एकड़ में फैली होगी। यहां प्रोडक्शन लाइन्स, R&D सेंटर्स, कंपोजिट लैब्स और 2 किलोमीटर का रनवे होगा। जहां DGCA के सर्टिफिकेशन के साथ टेस्टिंग होगी। पहले फेज में 330 करोड़ रुपए लगेंगे और दूसरे फेज में 350 एकड़ और बढ़ाकर कुल 1300 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
फैसिलिटी में सरला के फ्लैगशिप शून्य हाइब्रिड VTOL एयरक्राफ्ट के साथ-साथ इलेक्ट्रिकल हार्नेस सिस्टम्स, लैंडिंग गियर और एडवांस्ड कंपोजिट स्ट्रक्चर्स बनेंगे। पूरी तरह चलने पर ये हब सालाना 1000 नेक्स्ट-जेन एयरक्राफ्ट प्रोड्यूस कर सकेगा। ये मॉडल कैलिफोर्निया और म्यूनिख के ग्लोबल हब्स पर बेस्ड है, जो इंटीग्रेटेड eVTOL क्लस्टर बनेगा। आंध्र प्रदेश एयरपोर्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (APADCL) प्रोजेक्ट को फास्ट-ट्रैक करेगी।
सरला एविएशन की शुरुआत और eVTOL टेक्नोलॉजी
सरला एविएशन 2023 में कर्नाटक में शुरू हुई कंपनी है, जिसके फाउंडर्स ग्लोबल eVTOL इंडस्ट्री के वेटरन्स हैं। प्राइवेट इक्विटी फंड एक्सेल ने इसे बैकिंग दी है। कंपनी सिक्स-सीटर इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी डिजाइन कर रही है, जो भारत के बड़े शहरों में कम्यूट टाइम कम करेगी। eVTOL का मतलब है इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग एयरक्राफ्ट, जो बैटरी से चलते हैं। ये वर्टिकल उड़ान, उतरना और होवरिंग कर सकते हैं, जो ट्रेडिशनल प्लेन्स से अलग हैं।
भारत में ये टेक्नोलॉजी नई है, लेकिन ग्रीन मोबिलिटी के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। सरला का टारगेट 2029 तक कॉमर्शियल फ्लाइट्स शुरू करना है और ये हब इंडिजिनस डेवलपमेंट को बूस्ट देगा। दुनिया में eVTOL मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और भारत इसमें ग्लोबल प्लेयर बन सकता है
प्रोजेक्ट से 2027 तक 180 जॉब्स क्रिएट होंगे
प्रोजेक्ट से 2027 तक 40 स्पेशलाइज्ड जॉब्स और 140 इंडायरेक्ट जॉब्स क्रिएट होंगे। ये एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, एयरोस्पेस इनोवेशन और ग्रीन टेक में हाई-वैल्यू एम्प्लॉयमेंट देंगे। आंध्र प्रदेश का मिशन है एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग का कैपिटल बनना और ये हब सस्टेनेबल एरियल मोबिलिटी को सपोर्ट करेगा। लॉन्ग टर्म में हजारों जॉब्स आ सकते हैं, क्योंकि ये गीगास्केल फैसिलिटी होगी। राज्य सरकार इसे इकोसिस्टम रेडी बनाने में मदद करेगी, जो लोकल इकोनॉमी को बूस्ट देगी।
सरला के CTO ने बताया इंडिया का फ्यूचर
सरला एविएशन के को-फाउंडर और CTO राकेश गौंकर ने कहा, ‘वर्ल्ड्स बिगेस्ट स्काई फैक्ट्री के साथ हम इंडिया को नेक्स्ट एरा ऑफ फ्लाइट का नर्व सेंटर बनाना चाहते हैं। ये गीगा फैसिलिटी फ्यूचर के एयरक्राफ्ट शेप करेगी, हजारों हाई-स्किल जॉब्स क्रिएट करेगी और इंडिया को सस्टेनेबल एरियल मोबिलिटी में ग्लोबल फोर्स बनाएगी।
हमारा गोल सिंपल है कि इंडिया वर्ल्ड्स मोस्ट एडवांस्ड eVTOL सिस्टम्स को एक इंटीग्रेटेड कैंपस से डिजाइन, बिल्ड, टेस्ट, फ्लाई और ऑपरेट करे।’ ये MoU CII पार्टनरशिप समिट 2025 में साइन हुआ, जो इंडस्ट्री कोऑपरेशन को हाइलाइट करता है।
2 साल में ड्रोन टैक्सी शुरू होंगी
अनाउंसमेंट के 2 साल के अंदर आंध्र प्रदेश में पहली ड्रोन टैक्सी रोल आउट हो जाएंगी। सरला का फोकस इंडिया को इलेक्ट्रिक एविएशन में ग्लोबल पावरहाउस बनाना है। फेज्ड डेवलपमेंट से 2027 तक जॉब्स शुरू होंगी और 2029 तक फुल कॉमर्शियल ऑपरेशंस शुरू होगा।
ये UDAN स्कीम जैसे इनिशिएटिव्स के साथ कनेक्ट हो सकता है, जो एयर कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। ग्लोबली, eVTOL मार्केट 2030 तक बिलियन्स में पहुंच सकता है और ये हब भारत को लीडरशिप देगा। राज्य सरकार का कहना है कि ये प्रोजेक्ट सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए बड़ा स्टेप है


