पीएम ने इस पत्र में आगे मतदान के अधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को मजबूत करने की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूल और कॉलेज संविधान दिवस को मनाते हुए उन युवाओं को सम्मानित करें जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर पहली बार मतदाता बने हैं।
भारत आज संविधान दिवस मना रहा है। इस खास दिन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों के लिए चिट्ठी लिखी। पीएम ने अपील की है कि भारत के नागरिकों को अपने सांविधानिक कर्तव्यों को निभाना चाहिए, क्योंकि यह एक मजबूत लोकतंत्र का आधार हैं। पीएम ने अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए पत्र में संविधान की शक्ति पर बात की उन्होंने कहा कि यह संविधान की ही ताकत थी जिसकी वजह से ही गरीब परिवार से आने वाले एक साधारण व्यक्ति प्रधानमंत्री पद तक पहुंचा।
पीएम ने इस पत्र में आगे मतदान के अधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को मजबूत करने की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूल और कॉलेज संविधान दिवस को मनाते हुए उन युवाओं को सम्मानित करें जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर पहली बार मतदाता बने हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी के इस विचार को याद किया कि अधिकार, कर्तव्यों के पालन से उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि कर्तव्यों का पालन सामाजिक और आर्थिक प्रगति की नींव है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लिए गए निर्णय और नीतियां आने वाली पीढ़ियों के जीवन को आकार देंगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे विकसित भारत के संकल्प की ओर बढ़ते हुए अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संविधान एक ऐसा पवित्र दस्तावेज है, जो निरंतर देश के विकास का सच्चा मार्गदर्शक बना हुआ है। ये भारत के संविधान की ही शक्ति है जिसने मुझ जैसे गरीब परिवार से निकले साधारण व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचाया है। संविधान की वजह से मुझे 24 वर्षों से निरंतर सरकार के मुखिया के तौर पर काम करने का अवसर मिला है। मुझे याद है, साल 2014 में जब मैं पहली बार संसद भवन में प्रवेश कर रहा था, तो सीढ़ियों पर सिर झुकाकर मैंने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को नमन किया। साल 2019 में जब चुनाव परिणाम के बाद मैं संसद के सेंट्रल हॉल में गया था, तो सहज ही मैंने संविधान को सिर माथे लगा लिया था।”


