देश में 3416 नई ग्राम पंचायत बनाई गई हैं। सबसे ज्यादा 270 नई पंचायत बाड़मेर और सबसे कम 19 पंचायत झालावाड़ में बनीं हैं। राज्य सरकार ने राजस्थान के सभी 41 जिलों में पंचायत पुनर्गठन और नई पंचायतें बनाने की शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी है। अब पंचायतीराज का नक्शा बदल गया है।
जितनी नई पंचायत बनी है। उससे दोगुनी पंचायतों का पुनर्गठन किया है। लगभग हर पंचायत की सीमाओं में बदलाव हुआ है। इसका स्थानीय राजनीति पर भी असर होगा। प्रदेश में नई पंचायतें बनाने के बाद अब सरपंचों, उपसरपंचों और वार्ड पंचों के बड़ी संख्या में पद बढ़ जाएंगे।
जितनी नई पंचायतें बनेंगी, उतने ही सरपंच और उपसरपंच ज्यादा बनेंगे। वार्ड पंचों के पद भी हजारों में बढ़ेंगे। अब नए चुनाव इन्हीं पंचायतों के हिसाब से होंगे।
मापदंडों में छूट की वजह से ज्यादा पंचायतें बनीं
रेगिस्तानी जिलों में मापदंडों में छूट की वजह से नई पंचायत ज्यादा बनी हैं। मौजूदा सरकार ने साल भर पहले से पंचायतों के पुनर्गठन का काम शुरू किया था।
नई पंचायत बनाने और पंचायतों के पुनर्गठन के लिए जिलों से प्रस्ताव मंगवाकर पंचायतीराज और ग्रामीण विकास विभाग को भेजे गए थे। राजनीतिक तौर पर भी बीजेपी ने इसके लिए कमेटी बनाई थी।
पंचायत मुख्यालय जाने के लिए कम दूरी तय करनी होगी
नई पंचायतें बनने से जनता को सुविधा होगी। बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी, बीकानेर, चूरू सहित रेगिस्तानी जिलों और आदिवासी इलाकों में ग्राम पंचायत के इलाके कई किलोमीटर में थे।
लोगों को पंचायत मुख्यालय जाने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी होती थी। लोगों को राशन लेने, सरकारी दस्तावेज बनवाने और सरपंच, ग्राम सचिव से जुड़े काम करवाने के लिए पंचायत मुख्यालय आना होता है।
एक पंचायत में तीन से चार गांव होने के कारण मुख्यालय आने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना होता था। इसमें समय ज्यादा लगता था। अब नई पंचायतें बनाने के कारण इलाका कम होने से लोगों को सुविधा होगी।
रोजगार के नए अवसर बनेंगे
नई पंचायतें बनने से ग्राम सचिव, पटवारी, पंचायत सहायकों के पद बढ़ेंगे। जितनी नई पंचायतें बनी हैं, उतने ही ग्राम सचिव, ग्राम सहायक और सहायक कर्मचारी लगेंगे।
इससे शिक्षित बेरोजगारों के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आगे निकलने वाली भर्तियों में भी इन पंचायतों के हिसाब से नियुक्तियां करने के लिए पद बढ़ाए जाएंगे।
जयपुर में 139 नई ग्राम पंचायतें बनाई गईं
जयपुर जिले में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन करने के बाद कुल 596 ग्राम पंचायतें हो गईं। यानी जयपुर जिले में चुनाव होंगे तो यहां 596 सरपंच बनेंगे। पुनर्गठन से पहले जयपुर जिले में कुल 457 ग्राम पंचायतें थीं। इनमें से 273 ग्राम पंचायतों की सीमाओं में बदलाव करके 139 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया।


