राजस्थान के सीकर जिले को आने वाले दिनों में छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने वाली है।
सीकर/नीमकाथाना। राजस्थान के सीकर जिले को आने वाले दिनों में छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने वाली है। यह एक्सप्रेस-वे कोटपूतली से बीकानेर तक प्रस्तावित है। यह एक्सप्रेस-वे सीकर जिले के 43 तथा नीमकाथाना उपखंड के 30 गांवों से गुजरेगा। 295 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण से नीमकाथाना सहित अन्य शहरों का संपर्क और भी बेहतर होगा।
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से कोटपूतली होकर दिल्ली, उत्तर-प्रदेश तथा उत्तरी भारत के साथ बीकानेर, जयपुर, अजमेर व गुजरात तक का आवागमन और भी सुगम हो पाएगा। सूत्रों के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की डीपीआर निकाली जा चुकी है। वहीं, पिलर गाड़कर जगह चिह्नित की जा रही है। एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए गांवों की सूची जारी की जा चुकी है। गांवों की भूमि अधिग्रहण सूची में नीमकाथाना व पाटन तहसील के 15, खंडेला के तीन, श्रीमाधोपुर के आठ तथा रींगस के दो गांव शामिल है।
औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगा बढ़ावा, मिलेंगे रोजगार के अवसर
एक्सप्रेस-वे के बनने से नीमकाथाना का सीधा संपर्क दिल्ली, जयपुर तथा गुजरात के औद्योगिक क्षेत्रों से होगा। इससे व्यापारिक गतिविधियां तेज होगी। नीमकाथाना से प्रतिदिन टाइल्स बनाने का पाउडर गुजरात की फैक्ट्रियों में भेजा जाता है। वहीं, दिल्ली व जयपुर से भी व्यापारिक गतिविधियां होती है। इसके निर्माण के बाद समय व किराए की बचत होगी। साथ ही व्यापार और भी बेहतर होगा। इसके अलावा निर्माण कार्य व बढ़ने वाले उद्योग धंधों से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
भूमि की कीमतों में होगी बढ़ोतरी
दिल्ली के लिए पाटन व कोटपूतली तथा जयपुर के लिए अजीतगढ़, चौमूं होते हुए जाना पड़ता है। इन सड़क मार्ग पर वर्तमान दबाव अधिक है। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद इन राजमार्गों पर दबाव घटेगा, जिससे हादसों में कमी आएगी। इसके अलावा स्थानीय किसानों को अपने कृषि उत्पाद को बड़े शहरों तक तेजी से पहुंचाने में सुविधा होगी। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद इसके आसपास की भूमि की कीमतों में बढ़ोतरी होगी तथा निवेश की संभावनाएं बढ़ेगी।


